Friday 26 October 2018

इस गीत को हर सुहागन से शेयर करें और सौ गुना फ़ल पायें ....

" सुहागन दे करवा , ,......
सुहागन ले करवा.........."

सुबह सवेरे उठ के.......
करवा माता धयाये.......
नहा धो कर वसत्र पहन ले.....
जो पिया को भाये.......

सुहागन ले करवा.....
सुहागन दे करवा......

चूड़ी बिंदी लिपस्टिक लगा कर...
हो जाऔ तैयार.....
करवाचौथ मनाऔ.........
और पाऔ पति का प्यार........

सुहागन दे करवा.........
सुहागन ले करवा........

सोने का तेरा दीवला......
चाँदी की तेरी बाती.....
सौभाग्य तू पाये.........
प्यार बढ़े दिन राती........

सुहागन दे करवा.......
सुहागन ले करवा.......

व्रत रख के कहानी सुनके...
चाँद को देवे अरक.......
करवा माता कृपा करे.....
करदे घर को स्वरग............

सुहागन दे करवा.......
सुहागन ले करवा.......,,

☀ 👩👸👩👸👩 ☀

इस गीत को हर सुहागन से शेयर करें और सौ गुना फ़ल पायें ....
धन्यवाद....

Sunday 7 October 2018

यह नज़्म आज से 35 साल पहले, हक़ीम सईद साहिब ने कही थी।



जहाँ तक काम चलता हो ग़ज़ा से,
वहाँ तक चाहिए बचना दवा से।

अगर ख़ून कम बने, बलगम ज़्यादा,
तो खायें गाज़र, चने, शलगम ज़्यादा।

 ज़िगर के बल पे है इंसान जीता,
अगर ज़हफ़ जिगर है तो खा पपीता।

 ज़िगर में हो अगर गर्मी का एहसास,
 मुरब्बा आंवला खा या अनन्नास।

अगर होती है माएदा मे गरानी,
तो पी ले सौंफ या अदरक का पानी।

थकन से हों अगर अज़लात ढीले ,
तो फ़ौरन दूध गर्मा गरम पी ले।

जो दुखता हो गला नज़ले के मारे,
तो कर नमकीन पानी के ग़रारे।

अगर हो दर्द से दांतों के बे कुल,
तो ऊँगली से मसूड़ो पर नमक मल।

जो ताक़त मे कमी होती हो महसूस,
तो मिश्री की डली मुल्तान की चूस।

शिफा चाहिए अगर खाँसी से जल्दी,
तो पी ले दूध में थोड़ी सी हल्दी।

अगर कानों में तकलीफ़ होए,
तो सरसों का तेल फाये से निचोड़ें।

अगर आँखों में पड़ जाते हो जाले,
तो दखनी मिर्च घी के साथ खा ले।

 तपेदिक से अगर चाहिए रिहाई,
बदल पानी का गन्ना चूस भाई।

 दमा मे यह ग़ज़ा बेशक है अच्छी,
 खटाई छोड़ खा दरिया की मछली।

अगर तुझ को लगे जाड़े में सर्दी ,
तो इस्तेमाल कर अंडे की ज़र्दी।

जो बदहज़मी में तू चाहे अफाका,
तो दो एक वक्त कर ले तू फ़ाक़ा।

प्लीज शेयर करें। शुक्रिया।