Saturday 16 April 2016

भगवान् से मिलन 🌅

भगवान् से मिलन 🌅
एक 6 साल का छोटा सा बच्चा अक्सर भगवान से मिलने की जिद किया करता था। उसे भगवान् के बारे में कुछ भी पता नही था , पर मिलने की तमन्ना, भरपूर थी। उसकी चाहत थी की एक समय की रोटी वो भगवान के साथ बैठकर खाये।
1 दिन उसने 1 थैले में 5 ,6 रोटियां रखीं और परमात्मा को को ढूंढने के लिये निकल पड़ा।
चलते चलते वो बहुत दूर निकल आया संध्या का समय हो गया।
उसने देखा एक नदी के तट पर 1 बुजुर्ग माता बैठी हुई हैं, जिनकी आँखों में बहुत ही गजब की चमक थी, प्यार था, किसी की तलाश थी , और ऐसा लग रहा था जैसे उसी के इन्तजार में वहां बैठी उसका रास्ता देख रहीं हों।
वो 6 -7 साल का मासूम बालक बुजुर्ग माता के पास जा कर बैठ गया, अपने थैले में से रोटी निकाली और खाने लग गया।
फिर उसे कुछ याद आया तो उसने अपना रोटी वाला हाँथ बूढी माता की ओर बढ़ाया और मुस्कुरा के देखने लगा, बूढी माता ने रोटी ले ली , माता के झुर्रियों वाले चेहरे पे अजीब सी ख़ुशी आ गई आँखों में ख़ुशी के आंसू भी थे ,,,,
बच्चा माता को देखे जा रहा था , जब माता ने रोटी खाली बच्चे ने 1 और रोटी माता को दे दी ।
माता अब बहुत खुश थी। बच्चा भी बहुत खुश था। दोनों ने आपस में बहुत प्यार और स्नेह केे पल बिताये।
,,,,
जब रात घिरने लगी तो बच्चा इजाजत लेकर घर की ओर चलने लगा और वो बार- बार पीछे मुडकर देखता ! तो पाता बुजुर्ग माता उसी की ओर देख रही होती हैं ।
बच्चा घर पहुंचा तो माँ ने अपने बेटे को आया देखकर जोर से गले से लगा लिया और चूमने लगी,
बच्चा बहूत खुश था। माँ ने अपने बच्चे को इतना खुश पहली बार देखा तो ख़ुशी का कारण पूछा,
तो बच्चे ने बताया!
माँ ! ....आज मैंने भगवान के साथ बैठकर रोटी खाई, आपको पता है माँ उन्होंने भी मेरी रोटी खाई,,, पर माँ भगवान् बहुत बूढ़े हो गये हैं,,, मैं आज बहुत खुश हूँ माँ....
उधर बुजुर्ग माता भी जब अपने घर पहुँची तो गाव वालों ने देखा माता जी बहुत खुश हैं, तो किसी ने उनके इतने खुश होने का कारण पूछा ..??
माता जी बोलीं,,,, मैं 2 दिन से नदी के तट पर अकेली भूखी बैठी थी,, मुझे पता था भगवान आएंगे और मुझे खाना खिलाएंगे।
आज भगवान् आए थे, उन्होंने मेरे सांथ बैठकर रोटी खाई मुझे भी बहुत प्यार से खिलाई, बहुत प्यार से मेरी ओर देखते थे, जाते समय मुझे गले भी लगाया,, भगवान बहुत ही मासूम हैं बच्चे की तरह दिखते हैं।
इस कहानी का अर्थ बहुत गहराई वाला है।
वास्तव में बात सिर्फ इतनी है की दोनों के दिलों में ईश्वर के लिए अगाध सच्चा प्रेम था ।
और प्रभु ने दोनों को , दोनों के लिये, दोनों में ही ( ईश्वर) खुद को भेज दिया।
जब मन ईश्वर भक्ति में रम जाता है तो, हमे हर एक जीव में वही नजर आता है।

Thursday 7 April 2016

पीहर जा रहे हो तो कुछ नियम -

पीहर जा रहे हो तो कुछ नियम -
1  -अपनी भाभियों को जादा परेशान नही करें
2 -अपने आप को जादा smart ना समझौ क्यू कि भाभीया कोई कम smart नई होती।
3 -पिहर मै जाकर आपने आप को महारानी ना समझो... जाे दिनभर भाभी पर हूँकूम शाही चलाओ.... भगा देगी 4 दिन मे ही😜😜😜
4 -दिन भर आपने भाभी केा किचन मे भिडाये मत रखना जैसे जन्मो  से भुखे ही हो 😃😃😜😜😜
।भाभी ।
छोटी हो या बडी, काम आती है सभी ।                              चले है उसी से पीहर, वह है घर की लीडर ।
बेटो से न चला हैं घर-संसार,
भाभियाँ चलाती है घर - परिवार,
वह भी होती है आधी हकदार ।
करो उनकी गलतियों को नजरअंदाज, जैसे हम सब से  होती है गलतियाँ आज।
मान - सम्मान से रखो उन्हें,
क्योंकि माँ के बाद भाभी का ही स्थान है ।
छोटी हो या बडी, भाभी होती है भाभी।

Tuesday 5 April 2016

एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये!

एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये!

हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ??

यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा !

 भटकते भटकते शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज की रात बीता लो, सुबह हम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे !

रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुके थे, उस पर एक उल्लू बैठा था।

 वह जोर से चिल्लाने लगा।

हंसिनी ने हंस से कहा- अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते।

 ये उल्लू चिल्ला रहा है।

हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ??

 ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही।

पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों की बातें सुन रहा था।

 सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई, मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ करदो।

हंस ने कहा- कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद!

यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा

पीछे से उल्लू चिल्लाया, अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहे हो।

हंस चौंका- उसने कहा, आपकी पत्नी ??

 अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है,मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है!

उल्लू ने कहा- खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है।

दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग एकत्र हो गये।

कई गावों की जनता बैठी। पंचायत बुलाई गयी।

पंचलोग भी आ गये!

बोले- भाई किस बात का विवाद है ??

लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है!

 लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पंच लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे।

 हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है।

इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना चाहिए!

फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों की जांच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की ही पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है!

यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया।

उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली!

रोते- चीखते जब वह आगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई - ऐ मित्र हंस, रुको!

 हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ??

पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ?

उल्लू ने कहा- नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी!

लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है!

मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है।

 यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पंच रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं!

शायद 65 साल की आजादी के बाद भी हमारे देश की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने उम्मीदवार की योग्यता न देखते हुए, हमेशा ये हमारी जाति का है. ये हमारी पार्टी का है के आधार पर अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है, देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैँ!

Sunday 3 April 2016

आज कल के माँ बाप सुबह स्कूल बस में बच्चे को बिठा के ऐसे बाय बाय करते हैं जैसे पढ़ने नहीं विदेश यात्रा

वो लड़कीया भी किसी आतंकवादी से कम नही हुआ करती थी...
जो टिचर के क्लास मे आते ही याद
दिला देती है ..
सर आपने टेस्ट का बोला था...😂😂😂😂😂😂😡😡😡
आजकल के बच्चे क्या समझेंगे
😂😂😂😂😂😂😂😂
हमने किन मुश्किल परिस्थितियों में पढ़ाई की है,
कभी कभी तो मास्टर जी हमें
मूड फ्रेश करने के लिये ही कूट दिया करते थे
😂😂😂😂😂😂
मन की बात...
आज कल के बच्चे रिफ्रेश होने के लिए जहाँ वाटर पार्क, गेम सेंटर जाने की जिद करते हैं ...
वहीं हम ऐसे बच्चे थे जो मम्मी-पापा के एक झापङ से ही फ्रेश हो जाते थे.!
😂😂😂😂😂😂😂😂
वो भी क्या दिन थे....????
जब बच्चपन में कोई रिश्तेदार जाते समय 10 ₹ दे जाता था..
और माँ 8₹ टीडीएस काटकर 2₹ थमा देती थी....!!!
😁😁😁😁😁😁😁😁
घर का T.V बिगड़ जाए
तो माता-पिता कहते हैं..
बच्चों ने बिगाड़ा है;
और अगर बच्चे बिगड़ जाएं तो
कहते है..
T.V. ने बिगाड़ा है !!!
😛😛😛😛😛😛😛😛
आज कल के माँ बाप सुबह स्कूल बस में बच्चे को बिठा के ऐसे बाय बाय करते हैं जैसे पढ़ने नहीं विदेश यात्रा भेज रहें हो....
और
एक हम थे जो रोज़ लात खा के स्कूल जाते थे...
😤😤😤😤😤😤😤😤
4-4साल के बच्चे गाते फिर रहे हैं
"छोटी ड्रेस में बॉम्ब लगदी मैनु"
साला जब हम चार साल के थे तो 1 ही वर्ड याद था..
वही गाते फिरते थे...
"शक्ति शक्ति शक्तिमान-शक्तिमान"
😇😇😇😇😇😇😇😇
भला हो हनी सिंह और जॉन सीना का..
जिसने आज के बच्चो को फैशन के नाम पे बाल बारीक़ छोटे रखना सीखा दिया..
हमारी तो सबसे ज्यादा कुटाई ही बालो को लेके हुई थी।।
हम दिलजले के अजय देवगन बनके घूमते थे,
और जिस दिन पापा के हाथ लग जाते उस दिन नाईं की दुकान से ओमकारा का लंगड़ा त्यागी बनाके ही घर लाते थे
😅😅😅😅😅😅😅😅😅

यह है LIFE CYCLE!:)

Cycle से थके 
Motor Cycle खरीदी
आराम के लिए 
Car आए
मोटापा आया
Gym Join किया
वहां Trainer ने फिर
Cycle चलाने को दे दी
यह है LIFE CYCLE!:)

Saturday 2 April 2016

छोटी सी खूबसूरत लाईन :

छोटी सी खूबसूरत लाईन :
"जब से परीक्षा वाली जिंदगी पूरी हुई है,
तब से जिंदगी की परीक्षा शुरु हो गई है..
आज मुझे एक नया अनुभव हुआ
अपने मोबाइल से अपना ही नंबर लगाकर देखा, आवाज
आयी
The Number You Have Call Is Busy.....
फिर ध्यान आया किसी ने क्या खुब कहा है....
"औरो से मिलने मे दुनिया मस्त है पर,
खुद से मिलने की सारी लाइने व्यस्त है..
कोई नही देगा साथ तेरा यहॉं
हर कोई यहॉं खुद ही में मशगुल है

जिंदगी का बस एक ही ऊसुल है यहॉं,
तुझे गिरना भी खुद है
और संभलना भी खुद है.

Friday 1 April 2016

नौकरी करते बीमार पति से उसकी बीवी बोली:

Govt. Office में नौकरी करते बीमार पति से उसकी बीवी बोली: इस बार किसी जानवर के डाक्टर को दिखाओ। तभी आप ठीक होगे।
पति ने पूछा  : वो क्यों?

बीवी:
1) रोज सुबह मुर्गे की तरह जल्दी उठ जाते हो|
2) घोडे की तरह भाग कर duty चले जाते हो।
3) गधे की तरह दिन भर काम करते हो।
4) लोमडी की तरह इधर उधर से इनफोरमेशन बटोरते हो।
5) बंदर की तरह सीनियर अधिकारियों के इशारों पर नाचते हो।
6) घर आ कर परिवार पर कुत्ते की तरह चिल्लाते हो।
7) और फिर भैंस की तरह खा कर सो जाते हो।

इंसानों का डाक्टर तुम्हें क्या खाक ठीक कर पायेगा?

सभी govt Employees को समर्पित

Happy April fool - Read slowly.....You will Laugh -

Read slowly.....You will Laugh -
5 बाते आपके बारे में You You You You You You You You You You You You You You You You You You You
1. आप इतने आलसी है की आपने पुरे you नही पड़े

2. आपने ये भी नही देखा की मेने you के बीच में yoo भी लिखा है

3. अभी आपने yoo को देखा

4. अब आप हस रहे है क्योकि आपको yoo नही मिला और आप पागल बन गये है:😁😁😁😄😄😄😄😄😄😄
में आपके बारे में 13 बाते जानता हु..........
1. आपने इस समय अपना मोबाइल पकड़ रखा है

2. आप व्हाट्स एप्प इस्तेमाल कर रहे है

3. आपने अभी  अभी मेरा मैसेज खोला

4. अभी आप इसे पढ़ रहे है

5. आप मनुष्य है

7. आप अपने होंठो को बिना मिलाये p नही बोल सकते

8. अभी आपने ऐसा करने का प्रयास किया

9. अब आप अपने आप पर हस रहे है

10. इस समय आपके चेहरे पर मुस्कराहट है

11. आप ने 6 नम्बर का पॉइंट छोड़ दिया

12. आपने अभी चेक किया की 6 नम्बर तो वहा है ही नही

13. अब आप हस रहे है क्योकी मेने आपको उल्लू बना दिया

Happy April fool

Hahaha is it true? 😃😜😄

If u smiled then forward