Tuesday 22 November 2016

Rupees Song

1000 - तड़प तड़प के इस दिल से आह निकलती रही ऐसा क्या गुनाह किया कि लुट गये हाँ लूट गये😭😭😭
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500 - दुनिया में कितना गम है मेरा गम कितना कम है


100 - आज मै ऊपर आश्मा नीचे आज मैं आगे, ज़माना है पीछे Tell meओ ख़ुदा अब मैं क्या करूँ


50 - जहाँ मै जाती हूँ वही चले आते हो ........
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20 - अभी तो पार्टी शुरू हुई है 😎😎
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10 - आज कल पांव जमीं नही पड़ते मेरे

5 - हवन करेंगे हवन करेंगे हवन करेंगे😏😀
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2 - आज फिर जीने की तमन्ना है😉😁
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1 - छोटा बच्चा जान के हमको ना समझाना रे टुपी टुपी टप टप👶👱

ज्ञान की 3 बातें 😎


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ज्ञान न• 1 ☝🏻 :अगर कोई हमें अच्छा लगता है तो अच्छा वो ☝🏻नहीं हम है....
और अगर कोई हमें बुरा लगता है तो बुरा वही है क्युकि हम तो अच्छे हैं ना..
*ज्ञान समाप्त.
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ज्ञान न• 2 ✌🏻 :ज़िंदगी से कोई चीज़ माँगो तो ऐसे माँगो जैसे तुम्हारे बाप 😤की थी...
और☝🏻 नहीं मिली तो कौनसी तुम्हारे बाप की थी...
ज्ञान समाप्त😜
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ज्ञान न• 3 :☝🏻अगर कोई आपको देखकर🙄 दरवाज़ा बन्द कर देता है तो याद🤔 रखो...
कुण्ड़ी दोनो तरफ़ से होती है आप भी बाहर से बन्द करके🏃🏻 भाग जाओ....
ज्ञान समाप्त

Sunday 6 November 2016

धरती पर प्यार से तीन शब्दों की रचना हुयी है ....

धरती पर प्यार से तीन शब्दों की रचना हुयी है .......
(1)Boyfriend
(2)Girlfriend
(3)Family
किन्तु एक बात ध्यान देने वाली है कि
Boyfriend और
Girlfriend  इन दो शब्दों के अन्तिम तीन अक्षर से बनता है "end" इसलिये ये सम्बन्ध एक दिन ख़त्म हो  जाते हैं  परन्तु तीसरा शब्द है Family, जिसके पहले तीन अक्षर से बनता है :
Fam=Father and mother आैर अन्तिम तीन अक्षर से :-
 ily= i love you , अत: जिस शब्द का आरम्भ पिता एंव माता से और अन्त प्यार के साथ हो , वह शब्द सही मायने मे परिवार है ।
Plzzz share all Friends....

..साला,
समझ मे नही आ रहा ये मौसम कौन सा चल रहा है...
🤔🤔🤔

मच्छर काट रहे है...🙁🙁🙁
कम्बल भी औढ़ रहे हैं..😒😒😒
पंखा भी चला रहे हैं...😌😌😌
नहा गरम पानी से रहे है..🙂🙂🙂
और पी ठंडा पानी रहे हैं....😁😁😁

लगता है कोनो फिरकी ले रहा हैं.

हास्य कविता - अक्ल बाटने लगे विधाता

अक्ल बाटने लगे विधाता,
             लंबी लगी कतारें ।
सभी आदमी खड़े हुए थे,
            कहीं नहीं थी नारी ।

सभी नारियाँ कहाँ रह गई,
          था ये अचरज भारी ।
पता चला ब्यूटी पार्लर में,
          पहुँच गई थी सारी।

मेकअप की थी गहन प्रक्रिया,
           एक एक पर भारी ।
बैठी थीं कुछ इंतजार में,
          कब आएगी बारी ।

उधर विधाता ने पुरूषों में,
         अक्ल बाँट दी सारी ।
ब्यूटी पार्लर से फुर्सत पाकर,
        जब पहुँची सब नारी ।

बोर्ड लगा था स्टॉक ख़त्म है,
        नहीं अक्ल अब बाकी ।
रोने लगी सभी महिलाएं ,
        नींद खुली ब्रह्मा की ।

पूछा कैसा शोर हो रहा है,
         ब्रह्मलोक के द्वारे ?
पता चला कि स्टॉक अक्ल का
         पुरुष ले गए सारे ।

ब्रह्मा जी ने कहा देवियों ,
          बहुत देर कर दी है ।
जितनी भी थी अक्ल वो मैंने,
          पुरुषों में भर दी है ।

लगी चीखने महिलाये ,
         ये कैसा न्याय तुम्हारा?
कुछ भी करो हमें तो चाहिए,
          आधा भाग हमारा ।

पुरुषो में शारीरिक बल है,
          हम ठहरी अबलाएं ।
अक्ल हमारे लिए जरुरी ,
         निज रक्षा कर पाएं ।

सोचकर दाढ़ी सहलाकर ,
         तब बोले ब्रह्मा जी ।
एक वरदान तुम्हे देता हूँ ,
         अब हो जाओ राजी ।

थोड़ी सी भी हँसी तुम्हारी ,
         रहे पुरुष पर भारी ।
कितना भी वह अक्लमंद हो,
         अक्ल जायेगी मारी ।

एक औरत ने तर्क दिया,
        मुश्किल बहुत होती है।
हंसने से ज्यादा महिलाये,
        जीवन भर रोती है ।

ब्रह्मा बोले यही कार्य तब,
        रोना भी कर देगा ।
औरत का रोना भी नर की,
        अक्ल हर लेगा ।

एक अधेड़ बोली बाबा,
       हंसना रोना नहीं आता ।
झगड़े में है सिद्धहस्त हम,
       खूब झगड़ना भाता ।

ब्रह्मा बोले चलो मान ली,
       यह भी बात तुम्हारी ।
झगड़े के आगे भी नर की,
       अक्ल जायेगी मारी ।

ब्रह्मा बोले सुनो ध्यान से,
       अंतिम वचन हमारा ।
तीन शस्त्र अब तुम्हे दिए,
       पूरा न्याय हमारा ।

इन अचूक शस्त्रों में भी,
       जो मानव नहीं फंसेगा ।निश्चित समझो,
       उसका घर नहीं बसेगा ।

कहे मित्र ध्यान से,
       सुन लो बात हमारी ।
बिना अक्ल के भी होती है,
       नर पर नारी भारी।