Sunday 17 September 2017

परिवर्तन देखिये

परिवर्तन देखिये

1- पहले लोग घर के दरवाजे पर एक आदमी तैनात करते थे ताकि कोई कुत्ता घर में न घुस जाये। आजकल घर के दरवाजे पर कुत्ता तैनात करते हैं ताकि कोई आदमी घर में न घुस जाए।

2- पहले आदमी खाना घर में खाता था और लैट्रीन घर के बाहर करने जाता था। अब खाना बाहर खाता है और लैट्रीन घर में करता है।

3- पहले शादियों में घर की औरतें खाना बनाती थीं और नाचने वाली बाहर से आती थीं। अब खाना बनाने वाले बाहर से आते हैं और घर की औरतें नाचती हैं।

4- पहले आदमी साइकिल चलाता था और गरीब समझा जाता था। अब आदमी कार से ज़िम जाता है साइकिल चलाने के लिए।
       
🐕  🚽 💃  🚴
चारों महत्वपुर्ण बदलाव हैं !
🌹🌹🌹🌹
वाह रे मानव तेरा स्वभाव....
।। लाश को हाथ लगाता है तो नहाता है ...
पर बेजुबान जीव को मार के खाता है ।।

यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो.
जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर 'भीख' मांगता है..
 😔विचित्र दुनिया का कठोर सत्य..👌👌

          बारात मे दुल्हे सबसे पीछे
            और दुनिया  आगे चलती है,
         मय्यत मे जनाजा आगे
           और दुनिया पीछे चलती है..

           यानि दुनिया खुशी मे आगे
          और दुख मे पीछे हो जाती है..!

अजब तेरी दुनिया गज़ब तेरा खेल

मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद करना
और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना...
Wah re duniya !!!!!
 लाइन छोटी है,पर मतलब बहुत बड़ा है ~
उम्र भर उठाया बोझ उस कील ने ...
और लोग तारीफ़ तस्वीर की करते रहे .. पायल हज़ारो रूपये में आती है, पर पैरो में पहनी जाती है
और.....
बिंदी 1 रूपये में आती है मगर माथे पर सजाई जाती है
इसलिए कीमत मायने नहीं रखती उसका कृत्य मायने रखता हैं.
;एक किताबघर में पड़ी गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ते,
और
जो उनके लिए लड़ते हैं वो कभी उन दोनों को नहीं पढ़ते....
 नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है,
मिठी बात करने वाले तो चापलुस भी होते है।
इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े।
और मिठाई में तो अक़्सर कीड़े पड़ जाया करते है..
अच्छे मार्ग पर कोई व्यक्ति नही जाता पर बुरे मार्ग पर सभी जाते है......
इसीलिये दारू बेचने वाला कहीं नही जाता ,
पर दूध बेचने वाले को घर-घर
गली -गली , कोने- कोने जाना पड़ता है ।
दूध वाले से बार -बार पूछा जाता है कि पानी तो नही डाला ?
पर दारू मे खुद हाथो से पानी मिला-मिला कर पीते है ।
-Very nice line -
इंसान की समझ सिर्फ इतनी हैं
कि उसे "जानवर" कहो तो
नाराज हो जाता हैं और
"शेर" कहो तो खुश हो जाता हैं!
जबकि शेर भी जानवर का ही नाम है
-शेयर जरूर करें-

40 का पेट्रोल - सरकार 70 में क्यों बेचती है,ऐसा पूछने वाले एक बार यह भी तो पूछे कि.....

40 का पेट्रोल - सरकार 70 में क्यों बेचती है,ऐसा पूछने वाले एक बार यह भी तो पूछे कि......

👉16 रु. में गेहूं खरीदकर  सरकार 2 रु में क्यों बेचती है-?
👉50 रु का केरोसिन 15रु में क्यों बेचती है?
👉40 कि शक्कर 26 में क्यों बेचती है-?
👉25 का चावल खरीदकर 1रु में क्यों बाटती है-?
👉क्यों 5 रुपये मे गरीबों का पेट भरा जा रहा है-?
👉लाखो रुपये टीचरो को तनख्वाह देकर बच्चो को मुफ्त क्यों, पढवाती है-?
👉करोडो़ं रु की दवा मुफ्त क्यों बांटती है बिना फीस सरकारी अस्पताल कैसे चलते हैं-
👉6 करोड़ शौचालय मुफ्त में क्यों बनवाती है-?
👉3 करोड़ गैस चूल्हे मुफ्त में क्यों बाटती है-?
आदि इत्यादि...
#यहभी_पूछो।।।-

दरअसल अपने बच्चों को 15 की माइलेज देने वाली 2-2 लाख की महंगी bike वाले ही अक्सर ऐसे सवाल करते है।
   ।। वन्देमातरम ।।

ये भी एक नज़रिया है और बात में दम भी है।

इन दिनों पेट्रोल प्राइस को लेकर बहुत हल्ला मचा हुआ है।

तुलना हमेशा बराबर वालों से की जाती है, भारत की तुलना सोमालिया, पाकिस्तान, नेपाल से नही की जाती.

1) आज की तारीख़ का विश्व का औसत पेट्रोल रेट है 82 रुपए. भारत में औसत 74 रुपया लीटर है।

2) अब बात करते हैं भारत के स्तर के देशों की. Brics. ब्राज़ील में 74, रूस में 45 (रूस में पेट्रोल पैदा होता है), भारत में 74, चीन में 65, साउथ अफ़्रीका में 125 रुपए है।

3) बात करते हैं विकसित देशों की. इज़रायल में 112, फ़्रान्स में 105 सोनिया जी के इटली में 116,  यूनाइटेड किंडम में 102, जर्मनी में 103, सिंगापुर में 95 switzerland में 99 रुपए प्रति लीटर है।

४) बात करते हैं ग़रीब देशों की - नाइजीरिया में 26, बर्मा में 34, कोलम्बिया में 50, पाकिस्तान में 44, लेबनन में 50 नामीबिया में 52 रुपए प्रति लीटर है.

 स्पष्ट है कि लगभग सभी विकसित देशों में पेट्रोल के रेट भारत से ज़्यादा हैं, विकास शील देशों में भारत के बराबर और अविकासित देशों में पेट्रोल का रेट भारत से कम है.

सीधी सी बात है यह ग़रीब देश इसी लिए अविकासित हैं कि वह पेट्रोल को ठीक रेट पर बेंच वह पैसा देश में लगाने की बजाय बस भूखी जनता को सस्ते में पेट्रोल भर ही दे पा रहे हैं।