Saturday 21 July 2018

कभी kissi🙏अंधे का मजाक ना करे ।।😀😜


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एक अँधा आदमी एक फाइव स्टार होटल
में
गया !😍
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होटल मैनेजर ने उससे पूछा :- ये
हमारा मीनू है, आप क्या लेंगे सर?😘
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अंधा आदमी :- मैं 🙏अँधा हूँ, आप
मुझे
अपनी किचन से, चम्मच को आपके खाने
के
आइटम में डुबोकर ला दें, मैं उसे
सूंघ कर,
आर्डर कर दूँगा!😁😎😘😘
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मैनेजर को यह सुनकर
बड़ा ही आश्चर्य हुआ,
उसने मन ही मन में सोचा कि, कोई
आदमी सूंघकर कैसे बता सकता है😙😙
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कि हमने
आज क्या बनाया है, पकाया है ! 😍
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मैनेजर ने जितनी बार भी, अपने
अलग-अलग
खाने के आइटम में, चम्मच डुबाकर,
अँधे
आदमी को सुंघाई, अंधे ने
सही बताया कि वो क्या है,
और अँधे ने सूंघ कर ही खाने
का आर्डर
किया !  😍
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हफ्ते-भर यही चलता रहा.
अँधा सूंघकर, आर्डर देता और
खाना खा कर
चला जाता !😁😘😘
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एक दिन मैनेजर ने, अँधे
आदमी की परीक्षा लेने
की सोची कि यह
सब एक अँधा आदमी सूंघकर कैसे
बता सकता है ?😁😎😋
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मैनेजर किचन में गया और
अपनी पत्नी मीना से बोला कि, तुम
चम्मच को अपने होठो से गीला कर दो !😘😃
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मीना ने चम्मच को अपने होठों पर
रगड़
कर चम्मच मैनेजर को दे दी!😁
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मैनेजर ने वो चम्मच अँधे
आदमी को ले जा कर
दी और बोला, बताओ आज हमने
क्या बनाया है ? 😍
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अँधे आदमी ने चम्मच को सूंघा और
बोला :-😍
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ओह मायी गोड! मेरी क्लासमेट
मीना यहाँ काम करती है !😘
मैनेजर अभी तक
बेहोश है

कबीर दास एक बार स्नान करने गये वहीं पर कुछ ब्राह्मण अपने पूर्वजों को पानी दे रहे थे,

कबीर दास एक बार स्नान करने गये वहीं पर कुछ ब्राह्मण अपने पूर्वजों को पानी दे रहे थे,
तब कबीर ने भी स्नान किया और पानी देने लगे,

 इस पर सभी ब्राह्मण हँसने लगे और कहने लगे कि
 "कबीर तू तो इन सब में विश्वास नहीं करता , हमारा विरोध करता है,"

और आज वही कार्य तुम भी कर रहे हो ?,, जो हम कर रहे हैं ।

कबीर ने कहा," नहीं ,मैं तो अपने बगीचे में पानी दे रहा हूँ , "

कबीर की इस बात पर ब्राह्मण लोग हँसने लगे और कबीर से कहने लगे कि  "कबीर जी तुम बौरा गये हो , तुम पानी इस तलाब में दे रहे हो तो बगीचे में कैसे पहुँच जायेगा ?

कबीर ने कहा जब तुम्हारा दिया पानी इस लोक से पितरलोक चला जा सकता है  तुम्हारे पूर्वजों के पास ...

 ...तो मेरा बगीचा तो इसी लोक में है तो वहाँ कैसे नहीं जा सकता है,, सभी ब्राह्मणों का सिर नीचे हो गया ।

देना है पानी,भोजन,कपडा़ तो अपने जीवित माँ बाप को दो... उनके जाने के बाद तुम जो भी देना चाहोगे... वो उन तक तो नहीं...बल्कि पाखंडियों के घरों में पहुँचेगा ।

बुद्ध से बुद्धि मिली ,
कबीर से मिला ज्ञान                 
करना है करो प्यारो                   
जीते जी सम्मान..

एक भक्त था वह परमात्मा को बहुत मानता था,

एक भक्त था वह परमात्मा को बहुत मानता था,
बड़े प्रेम और भाव से उनकी सेवा
किया करता था ।

एक दिन भगवान से
कहने लगा –

मैं आपकी इतनी भक्ति करता हूँ पर आज तक मुझे आपकी अनुभूति नहीं हुई ।

मैं चाहता हूँ कि आप भले ही मुझे दर्शन ना दे पर ऐसा कुछ कीजिये की मुझे ये अनुभव हो की आप हो।

भगवान ने कहा ठीक है,
तुम रोज सुबह समुद्र के किनारे सैर पर जाते हो,
जब तुम रेत पर
चलोगे तो तुम्हे दो पैरो की जगह चार पैर दिखाई देंगे ।
दो तुम्हारे पैर होंगे और दो पैरो के निशान मेरे होंगे ।

इस तरह तुम्हे मेरी
अनुभूति होगी ।

अगले दिन वह सैर पर गया,
जब वह रेत पर चलने लगा तो उसे अपने पैरों के साथ-साथ दो पैर और भी दिखाई दिये वह बड़ा खुश हुआ ।

अब रोज ऐसा होने लगा ।

एक बार उसे व्यापार में घाटा हुआ सब कुछ चला गया,
वह रोड़ पर आ गया उसके अपनो ने उसका साथ छोड दिया ।

देखो यही इस दुनिया की प्रॉब्लम है, मुसीबत में सब साथ छोड़ देते है ।

अब वह सैर पर गया तो उसे चार पैरों की जगह दो पैर दिखाई दिये ।

उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि बुरे वक्त में भगवान ने भी साथ छोड दिया।

धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगा फिर सब लोग उसके
पास वापस आने लगे ।

एक दिन जब वह सैर
पर गया तो उसने देखा कि चार पैर वापस दिखाई देने लगे ।

उससे अब रहा नही गया,
वह बोला-

भगवान जब मेरा बुरा वक्त था तो सब ने मेरा साथ छोड़ दिया था पर मुझे इस बात का गम नहीं था क्योकि इस दुनिया में ऐसा ही होता है,
पर आप ने भी उस समय मेरा साथ छोड़ दिया था,
ऐसा क्यों किया?

भगवान ने कहा –

तुमने ये कैसे सोच लिया कि मैं तुम्हारा साथ छोड़ दूँगा,
तुम्हारे बुरे वक्त में जो रेत पर तुमने दो पैर के निशान देखे वे तुम्हारे पैरों के नहीं मेरे पैरों के थे,

उस समय में तुम्हे अपनी गोद में उठाकर चलता था और आज जब तुम्हारा बुरा वक्त खत्म हो गया तो मैंने तुम्हे नीचे उतार दिया है ।

इसलिए तुम्हे फिर से चार पैर दिखाई दे रहे ।

So moral is never loose faith on God. U believe in him, he will look after u forever.

✔जब भी बड़ो के साथ बैठो तो परमात्मा का धन्यवाद , क्योंकि कुछ लोग इन लम्हों को तरसते हैं ।

✔जब भी अपने काम पर जाओ तो परमात्मा का धन्यवाद , क्योंकि बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।

✔परमात्मा का धन्यवाद कहो कि तुम तन्दुरुस्त हो , क्योंकि बीमार किसी भी कीमत पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश रखते हैं ।

✔ परमात्मा का धन्यवाद कहो कि तुम जिन्दा हो , क्योंकि मरते हुए लोगों से पूछो जिंदगी की कीमत क्या होती है।

दोस्तों की ख़ुशी के लिए तो कई मैसेज भेजते हैं । देखते हैं परमात्मा के धन्यवाद का ये मैसेज कितने लोग शेयर करते हैं । 

Saturday 14 July 2018

ये औरतें भी न!




दो मिनट की आरामदायक और
बच्चों के पसंद की ज़ायकेदार मैगी को छोड़,
किचन में गर्मी में तप कर
हरी सब्ज़ियाँ बनाती फिरती हैं।
बच्चे मुँह बिचकाकर
नाराज़गी दिखलाते हैं सो अलग,
फिर भी बाज नहीं आती।

! ये औरतें भी न,

जब किसी बात पे दिल दुखे ,
तो घर मे अकेले में आँसुओं
की झड़ी लगा देगी।
लेकिन बाहर अपनी सहेलियों के
सामने तो ऐसे मुस्कुरायेगी,
जैसे उसके जितना
सुखी कोई नहीं।

! ये औरतें भी न,

जब कभी लड़ लेगी पति से,
तो सोच लेगी अब मुझे
तुमसे कोई मतलब नहीं।
लेकिन शाम में जब घर आने में
पति महाशय को देर हो जाये,
तो घड़ी पे टक-टकी
लगाए रहेगी।
और बच्चों से बोलेगी,
"फोन कर के पापा से पूछो
आये क्यों नहीं अभी तक?"

अरे यार! ये औरतें भी न,

तिनका तिनका जोड़कर
अपने आशियाने को बनाती
और सजाती हैं,
चलती और ढलती रहती
है सबके अनुसार।
लेकिन कभी एक कदम भी
बढ़ा ले अपने अनुसार,
तो "यहाँ ऐसे नहीं चलेगा
जाओ अपने घर (मायका)
ये सब वहीं करना।"
सुन रो रोकर
सोचती रहती है,
अब मैं इस घर में नहीं रहूँगी।
रात भर आँसुओं से
तकिया गीला कर,
उल्लू की तरह
आँखें सूजा लेती हैं।
अगले दिन फिर से
सुबह उठकर
तैयार करने लगती है,
बच्चों की टिफिन और
सबके के लिए नाश्ता।
बदलने लगती है
ड्राइंग रूम के कुशन कवर,
और फिर से सींचने लगती है
अपने लगाए पौधों को।
सच में एकदम पागल है!
सोचती कुछ है और
करती कुछ!

 ये औरतें भी न,

पढ़ने वाली ओरत को
ढ़ेर सारा प्यार 😘😃