आज न्यूज़ पेपर पढ़ रहा था - रेल से कट कर
यूवक ने
दि जान ।।
पूरा ब्यौरा जाँचने पर मालूम हुआ
की वो लड़का एक
लड़की के चक्कर में था ,
इसी कारण सुसाइड किया.....
मन ही मन बहुत
गुस्सा आया.........
.
मित्रों एसे बहुत से लडको को देखा हैं
जो लड़कियों के
ठुकरा देने
पर अपने हाथ- पैर ब्लेड से काटते रहते हैं....
आज कल के नौजवान
को इतनी समझ नही है
की ताली दोनों हाथों से
बजती हैं...
अगर शरिर मेँ रक्त ज्यादा हैँ तो रक्त
दान कर
दो ना ,,
ब्लेड से हाथ क्योँ चीरते होँ ?
.
अंग्रेजी में एक कहावत है,
"उनके लिए मत रोवो जो तुम्हे
धोखा देते हैँ ,,
बस उन्हें शुक्रिया कहो की वो तुम्हे एक
मौका देते है तुम उनसे भी अच्छा एक
जीवनसाथी खोज पाओ".
और ये कैसे नोजवान है जो देश के लिए
नही मर सकते
पर लडकियों के लिए मर जाते है ।
मुझे ऐसे लडको के मरने पर कोई दुःख
नही होता ।
और अच्छा ही है ऐसे नोजवान मर जाए
क्योँ कि ये देश के लिए कुछ नही करते
बस
आबादी बड़ाते है।
मेरी नजर मेँ इनकी कोई कीमत नहीँ हैँ
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