Tuesday, 29 July 2014

एक खेल का मैदान,,,

एक खेल का मैदान,,, आठ लडकियाँ अल क़तर में दौड़ ( race ) लगाने के लिए खड़ी हैं,, ready steady और धायँ,,, और पिस्तौल की आवाज़ के साथ ही आठों लडकियां दौड़ पड़ती हैं,,, ब-मुश्किल वो सभी ४ या ५ मीटर आगे गयी होंगी की एक लड़की फिसल कर गिर जाती है और उसे चोट लग जाती है,,, दर्द के मरे वह लड़की रोने लगती है,,,, बाकि की सातों लड़कियों को उसके रोने की आवाज़ सुनाई पड़ती है,, और ये क्या ,,,,,,, ?? अचानक वो सातों लडकियाँ रुक जाती हैं,, एक पल के लिए वो सभी एक दुसरे को देखती हैं और सातों वापस उस घायल लड़की की तरफ दौड़ पड़ती हैं, मैदान में सन्नाटा छा गया,,,आयोजक परेशान,,अधिकारी हैरान,, तभी एक अप्रत्याशित घटना घटती है वो सातों लडकियाँ अपनी घायल प्रतिभागी को उठा लेती हैं,, और फिर चल पड़ती हैं उस तरफ जहाँ जीत की रेखा,खीची गयी है,, एक साथ आठों लडकियाँ उस जीत की रेखा पर पहुँच जाती है,, लोगों की आँखों में आँसूं,,, मित्रों ये race NATIONAL INSTITUTE OF MENTAL HEALTH द्वारा आयोजित थी और वो आठों लडकियां मानसिक रूप से बीमार थी,, लेकिन जो इंसानियत,, जो मानवता,,जो प्यार,,जो sportsman ship जो team work ,, जो समानता का भाव उन आठों ने दिखाया वो शायद हम जैसे मानसिक रूप से विकसित और पूर्ण रूप से ठीक नही दिखा पाते,,,क्यों कि,,, हमारे पास ब्रेन है उनके पास नही था,, हमारे पास ईगो है उनके पास नही था हमारे पास attitude है उनके पास नही था,,,, मित्रों,,,, प्यार इंसान से करो उसकी औकात से नही,, रूठो उनकी बातों से उनसे नही,,, भूलो उनकी गलतियों को उनको नही,,, रिश्तों से बढकर कर कुछ भी नही,,, अगर दोस्त न मिलते तो ये कभी सकझ नही आता,, की अजनबी लोग भी अपनों से ही नही अपनी जान से भी प्यारे हो सकते हैं, जय हिन्द ,वन्देमातरम्

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