Friday, 25 July 2014

आज का ज्ञान...

आज का ज्ञान... चाय में गिरी हुई बिस्किट को दुसरी बिस्किट से निकालनें की कोशिश ना करें...! वरना जो हाथ मे है उससे भी हाथ धो बैठोगे !! *** नंगे पाव चलता इन्सान को लगता है कि "चप्पल होते तो कितना अच्छा होता"

. बाद मेँ, "साइकिल होती तो कितना अच्छा होता" . उसके बाद, "मोपेड होता तो थकान नही लगती" . बद मेँ सोचता है "मोटर साइकिल होती तो बातो- बातो मेँ रास्ता कट जाता" . फिर ऐसा लगता है, "कार होती तो धुप नही लगती" . फिर लगता है कि, "हवाई जहाज होती तो इन ट्राफिक कि जंजट नही होती" . जब हवाई जहाज मेँ बेठकर नीचे हरे-भरे घास के मैदान देखता है तो सोचता है, कि "नंगे पाव घास मेँ चलता तो दिल को कितनी तसल्ली मिलती" . . ""जरुरत के मुताबिक जिंदगी जिओ - ख्वाहिशों के मुताबिक नहीं। . क्योंकि जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है; और ख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती है""

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