Thursday, 26 March 2020

इंदौर में मैंने घर में रहने की समस्या का हल ढूंढ लिया है ।


मैंने अपने घर के सभी कमरों के नाम रख दिये हैं, जैसे -

ड्राइंग रूम का नाम - राजवाड़ा
डाइनिंग रूम का नाम - 56 दुकान
बीच के कॉरिडोर का - बंगाली चौराहा
एक कमरे का नाम - बसंत विहार
दूसरे कमरे का नाम - साकेत नगर तीसरे कमरे का नाम - सुदामा नगर
बरामदे का नाम - दशहरा मैदान
बालकनी का नाम - रालामंडल
देव घर का नाम - खजराना मंदिर
बाथरूम का नाम - बिलावली
पार्कींग का नाम - सरवटे बस स्टैंड
गार्डन का नाम - मेघदूत

अब जहां मर्ज़ी होती है पैदल ही घूम आता हूँ ।

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