Saturday, 17 March 2018

हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाये

राष्ट्रकवि दिनकर की रचना

ये धुंध कुहासा छंटने दो
          रातों का राज्य सिमटने दो
प्रकृति का रूप निखरने दो
          फागुन का रंग बिखरने दो,
प्रकृति दुल्हन का रूप धर
           जब स्नेह – सुधा बरसायेगी
शस्य – श्यामला धरती माता
           घर -घर खुशहाली लायेगी,
तब चैत्र-शुक्ल की प्रथम तिथि
           नव वर्ष मनाया जायेगा
आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर
           जय-गान सुनाया जायेगा...

    हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाये

🚩॥ वन्दे मातरम॥🚩

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