पहले जाने चार नाम स्नान के
..सुबह 4 बजे से 5 बजे के बिच किया जाने वाला स्नान मुनि स्नान कहलाता है।
...इसके बाद सुबह 5 बजे से 6 बजे कि बिच किया जाने वाला स्नान देव स्नान कहलाता है। ....सुबह 6 बजे से 8 बजे के बिच किया जाने वाला स्नान मनुष्य या मानव स्नान कहलाता है।
...जबकि सबसे अंतिम सुबह 8 बजे बाद किया जाने वाला स्नान को शास्त्र में राक्षसी स्नान का नाम दिया गया है।
शास्त्र अनुसार मुनि स्नान को सर्वोत्तम माना गया है।
जबकि मानव स्नान सामान्य व राक्षसी स्नान का धर्म में निषेध किया गया है।
...जानिए कि क्या मिलता है इन समय के स्नान से
मुनि स्नान.....घर में सुख, शांति, समृद्धि, विद्या, आरोग्य व उत्तम विचार मिलते है।
देव स्नान......आप के जीवन में यश, किर्ती,धन, वैभव,सुख, एेश्वर्य प्रदान करता है।
मानव स्नान.......काम में सफलता,भाग्य, अच्छे कर्मो की सूझ परिवार में एकता व मंगल प्रदान करता है ।
राक्षसी स्नान......शास्त्र अनुसार सुबह 8 बजे बाद किए जाने वाले स्नान से बनते काम बिगड़ते है। इसके अलावा हानि, धन का नाश व कई प्रकार की परेशानी आती है।
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