होटल में काम करने वाला 12-13 वर्षीय नौकर ग्राहकों के पानी माँगने पर एक साथ चार गिलास हाथ की उँगलियों से पकड़कर टेबल पर रखने के लिए जैसे ही झुका, उनमें से एक ग्राहक ने देखा नौकर की चारों उँगलियाँ गिलास में डुबी हुई थीं और उन्हीं से उसने गिलास पकड़े रखे थे।
ग्राहक भड़ककर नौकर से बोला-
'शरम नहीं आती? अपनी गंदी उँगलियाँ गिलास में डुबाकर लाया है?'
नौकर यह सुनकर घबरा गया। उसके हाथ सेगिलास छूट गए और नीचे गिरकर टुकड़े-टुकड़े हो गए। गिलास का सारा पानी उछलकर उसी ग्राहक के कपड़ों पर गिर पड़ा। ग्राहक बुरी तरह चिल्ला उठा,
'अबे तूने यह क्या किया?
'होटल के मालिक से नहीं रहा गया। वहशीघ्रता से चलकर आया और उसने दो-तीन चाँटे ौकर के गाल पर जड़ दिए और बोला-' स्साले! देखकर काम क्यों नहीं करता। कितनी बार कहा कि उँगलियाँ डुबाकर गिलास नहीं लाना चाहिए, पर कमबख्त तूमानता ही नहीं है। आज ही तेरा हिसाब कर देता हूँ!'
यह कहकर होटल मालिक ने ग्राहक से क्षमा माँगी।ग्राहक के जाते ही उसने नौकर को बुलाया और पुचकारते हुए बोला-
'बेटा, मैंने ग्राहक के सामने तुझे चाँटे लगाए, तुझे बुरा तो नहीं लगा?'
इस पर नौकर ने मासूमियत से कहा-
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'मालिक! मैं बुरा मानने के लिए थोड़े ही नौकरी कर रहा हूँ।
अपना पेट पालने के लिए कर रहा हूँ!'
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