कुछ अजीब सा माहौल हो चला है,
मेरा शहर अब बदल चला है....
ढूंढता हूँ उन परिंदों को,
जो बैठते थे कभी घरों के छज्ज़ो पर
शोर शराबे से आशियाना
अब उनका उजड़ चला है,
मेरा शहर अब बदल चला है.....
😢
भुट्टे, चाट, ककड़ी, इमली
खाते थे कभी हम
स्कूल कॉलेजो के प्रांगण में,
अब तो बस मैकडोनाल्ड,
पिज़्जाहट और
कैफ़े कॉफ़ी डे का दौर चला है
मेरा शहर अब बदल चला है....
😢
शहर के चौराहे रुक कर बतियाते
थे दोस्त घंटों तक
अब तो बस शादी, पार्टी या
उठावने पर मिलने का ही दौर चला है
मेरा शहर अब बदल चला है....
😢
वो टेलीफोन का काला चोगा
उठाकर खैर-ख़बर पूछते थे,
अब तो स्मार्टफोन से फेसबुक, व्हाटसऐप और ट्वीटर का रोग चला है
मेरा शहर अब बदल चला है.....
😢
वो साइकिल पर बैठकर दूर की डबल सवारी,
कभी होती उसकी,
कभी हमारी बारी,
अब तो बस फर्राटेदार
बाइक का फैशन चला है
मेरा शहर अब बदल चला है....
जाते थे कभी ट्यूशन
पढ़ने माटसाब के वहाँ,
बैठ जाते थे फटी दरी पर भी
पाँव पसार कर ,
अब तो बस ए.सी.कोचिंग क्लासेस
का धंधा चल पड़ा है,
मेरा शहर अब बदल चला है.....
😢
कॉलेज की लड़कियों से बात करना तो दूर
नज़रें मिलाना भी मुश्किल था
अब तो बेझिझक हाय ड्यूड,
हाय बेब्स का रिवाज़ चल पड़ा है
मेरा शहर अब बदल चला है....
😢
घर में तीन भाइयों में
होती थी एकाध साइकिल
बाबूजी के पास स्कूटर,
अब तो हर घर में कारों
और बाइक्स का काफ़िला चल पड़ा है
मेरा शहर अब बदल चला है....
😢
कोई बात नहीं;
सब बदले लेकिन मेरे शहर के
खुश्बू में रिश्तों की गर्मजोशी
बरकरार रहे
आओ सहेज लें यादों को
वक़्त रेत की तरह सरक रहा है...
मेरा शहर अब बदल चला हैैं....
💯nu
मेरा शहर अब बदल चला है....
ढूंढता हूँ उन परिंदों को,
जो बैठते थे कभी घरों के छज्ज़ो पर
शोर शराबे से आशियाना
अब उनका उजड़ चला है,
मेरा शहर अब बदल चला है.....
😢
भुट्टे, चाट, ककड़ी, इमली
खाते थे कभी हम
स्कूल कॉलेजो के प्रांगण में,
अब तो बस मैकडोनाल्ड,
पिज़्जाहट और
कैफ़े कॉफ़ी डे का दौर चला है
मेरा शहर अब बदल चला है....
😢
शहर के चौराहे रुक कर बतियाते
थे दोस्त घंटों तक
अब तो बस शादी, पार्टी या
उठावने पर मिलने का ही दौर चला है
मेरा शहर अब बदल चला है....
😢
वो टेलीफोन का काला चोगा
उठाकर खैर-ख़बर पूछते थे,
अब तो स्मार्टफोन से फेसबुक, व्हाटसऐप और ट्वीटर का रोग चला है
मेरा शहर अब बदल चला है.....
😢
वो साइकिल पर बैठकर दूर की डबल सवारी,
कभी होती उसकी,
कभी हमारी बारी,
अब तो बस फर्राटेदार
बाइक का फैशन चला है
मेरा शहर अब बदल चला है....
जाते थे कभी ट्यूशन
पढ़ने माटसाब के वहाँ,
बैठ जाते थे फटी दरी पर भी
पाँव पसार कर ,
अब तो बस ए.सी.कोचिंग क्लासेस
का धंधा चल पड़ा है,
मेरा शहर अब बदल चला है.....
😢
कॉलेज की लड़कियों से बात करना तो दूर
नज़रें मिलाना भी मुश्किल था
अब तो बेझिझक हाय ड्यूड,
हाय बेब्स का रिवाज़ चल पड़ा है
मेरा शहर अब बदल चला है....
😢
घर में तीन भाइयों में
होती थी एकाध साइकिल
बाबूजी के पास स्कूटर,
अब तो हर घर में कारों
और बाइक्स का काफ़िला चल पड़ा है
मेरा शहर अब बदल चला है....
😢
कोई बात नहीं;
सब बदले लेकिन मेरे शहर के
खुश्बू में रिश्तों की गर्मजोशी
बरकरार रहे
आओ सहेज लें यादों को
वक़्त रेत की तरह सरक रहा है...
मेरा शहर अब बदल चला हैैं....
💯nu
No comments:
Post a Comment