Wednesday, 26 March 2014

वह प्राइमरी स्कूल की टीचर थी |

वह प्राइमरी स्कूल की टीचर थी |सुबह उसने बच्चो का टेस्ट लिया थाऔर उनकी कॉपिया जाचने के लिएघर ले आई थी | बच्चो की कॉपियादेखते देखते उसके आंसू बहने लगे | उसका पति वही लेटे mobile देख रहा था |उसने रोने का कारण पूछा ।


टीचर बोली , “सुबह मैंने बच्चो को‘मेरी सबसे बड़ी ख्वाइश’ विषय पर कुछपंक्तिया लिखने को कहा था ; एक बच्चेने इच्छा जाहिर करी है की भगवन उसेMobile बना दे |


यह सुनकर पतिदेव हंसने लगे |टीचर बोली , “आगे तो सुनो बच्चे नेलिखा है यदि मै mobile बन जाऊंगा, तोघर में मेरी एक खास जगह होगी औरसारा परिवार मेरे इर्द-गिर्द रहेगा |जब मै बोलूँगा, तो सारे लोग मुझे ध्यानसे सुनेंगे | मुझे रोका टोका नहीं जायेंगाऔर नहीं उल्टे सवाल होंगे |


जब मै mobile बनूंगा, तो पापा ऑफिस सेआने के बाद थके होने के बावजूद मेरेसाथ बैठेंगे | मम्मी को जब तनाव होगा,तो वे मुझे डाटेंगी नहीं, बल्कि मेरे साथरहना चाहेंगी | मेरे बड़े भाई-बहनों केबीच मेरे पास रहने के लिए झगडा होगा |यहाँ तक की जब mobile बंद रहेंगा, तब भीउसकी अच्छी तरह देखभाल होंगी |और हा, mobile के रूप में मै सबको ख़ुशीभी दे सकूँगा | “


यह सब सुनने के बाद पति भी थोड़ागंभीर होते हुए बोला ,‘हे भगवान ! बेचारा बच्चा …. उसकेमाँ-बाप तो उस पर जरा भी ध्यान नहींदेते !’


टीचर पत्नी ने आंसूं भरी आँखों सेउसकी तरफ देखा और बोली,“जानते हो, यह बच्चा कौन है? ………

हमारा अपना बच्चा…… .. हमारा छोटू |”


सोचिये, यह छोटू कही आपका बच्चातो नहीं ।


मित्रों , आज की भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगीमें हमें वैसे ही एक दूसरे के लिए कमवक़्त मिलता है , 

और अगर हम वो भीसिर्फ टीवी देखने , मोबाइल परखेलने और फेसबुक से चिपके रहने मेंगँवा देंगे तो हम कभी अपने रिश्तों कीअहमियत और उससे मिलने वाले प्यारको नहीं समझ पायेंगे।

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