Monday, 11 January 2016

जितना बड़ा "प्लाट" होता है उतना बडा "बंगला" नही होता

जितना बड़ा "प्लाट" होता है उतना बडा "बंगला" नही होता
जितना बड़ा "बंगला" होता है उतना बड़ा "दरवाजा" नही होता
जितना बड़ा "दरवाजा" होता है उतना बड़ा "ताला" नही होता
जितना बड़ा "ताला" होता है उतनी बड़ी "चाबी" नही होती ।
परन्तु "चाबी" का पूरे बंगले पर अधिकार होता है।
इसी तरह मानव के जीवन मे बंधन और मुक्ति का आधार मन की चाबी पर ही निर्भर होता है।
पैसे के अभाव मे जगत 1% दुखी है
परन्तु
समझ के अभाव मे जगत 99% दुखी है।
"सदा खुश रहिए और मस्त रहिए"

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