एक भैस की दर्द भरी
दास्तान :-
बच्चा जब थोड़ा बड़ा होता
है ।दूध मेंरा पीता है।
बोर्नविटा डालडाल कर ।
और निबंध लिखने के
लिये दूसरे जानवर क्यो ?
यदि बच्चा लिख नहीं पाता
तो बोलते है "काला अक्षर
भैस बराबर " तो क्या
दूसरे जानवर पोष्ट ग्रेजुएट
है ?
गलती करे बदनाम हम
क्यों ?"बैठ गयी भैस पानी
में" हमनें क्या बिगाड़ा है?
हम भी अन्य सब जानवरों
की तरह ही है ।फिर भी
सीमा से अधिक भेद-भाव
झेलते है ।
ग :गाय का
ब :बंदर का
ऊ :ऊल्लू का
तो हमारा क्या ?
भ :भैंस का लिखनें में
आपका क्या जाता है ।
हमारा दूध पीकर हमसे
ही गद्दारी !
कोईं औरत सीधी हो तो
उसे गाय से तुलना करते
हो ।और मोटी हो तो भैंस?
हमपर जुल्म अलग कोईं
जंगली जानवर मार दे तो
सजा है हमको मार दे तो
कुछ नहीं उल्टा पूछते हैं
"हमनें क्या तुम्हारी भैस
मारी है "
और तो और कोईं रास्ते
पर बीच में खड़ा हो जाये
तो कहते हो कि क्या भैसे
जैसा खड़ा है ।
हमारी मेजोरिटी के बारे में
आप सब जानते है ।
जिस दिन धरना प्रदर्शन
कर देंगें ।
होटलों से लेकर पाँच
सितारा तक सब हीलाके
रख देंगें ।
हमारा केवल यह निवेदन
है कि हमें भी अन्य
जानवरों जैसा ही सम्मान
मिले ।
हम पर फब्तियाँ कसना
बंद हो ।
अन्यथा दहीं,मावे की
मिठाईयाँ ,पनीर की
सब्जीयाँ ,केशरिया दूध,
और भी सैकड़ों आयटम
सब भूल जाओ ।
फिर मिलेंगे धरना स्थल
राम लीला मैदान पर
दास्तान :-
बच्चा जब थोड़ा बड़ा होता
है ।दूध मेंरा पीता है।
बोर्नविटा डालडाल कर ।
और निबंध लिखने के
लिये दूसरे जानवर क्यो ?
यदि बच्चा लिख नहीं पाता
तो बोलते है "काला अक्षर
भैस बराबर " तो क्या
दूसरे जानवर पोष्ट ग्रेजुएट
है ?
गलती करे बदनाम हम
क्यों ?"बैठ गयी भैस पानी
में" हमनें क्या बिगाड़ा है?
हम भी अन्य सब जानवरों
की तरह ही है ।फिर भी
सीमा से अधिक भेद-भाव
झेलते है ।
ग :गाय का
ब :बंदर का
ऊ :ऊल्लू का
तो हमारा क्या ?
भ :भैंस का लिखनें में
आपका क्या जाता है ।
हमारा दूध पीकर हमसे
ही गद्दारी !
कोईं औरत सीधी हो तो
उसे गाय से तुलना करते
हो ।और मोटी हो तो भैंस?
हमपर जुल्म अलग कोईं
जंगली जानवर मार दे तो
सजा है हमको मार दे तो
कुछ नहीं उल्टा पूछते हैं
"हमनें क्या तुम्हारी भैस
मारी है "
और तो और कोईं रास्ते
पर बीच में खड़ा हो जाये
तो कहते हो कि क्या भैसे
जैसा खड़ा है ।
हमारी मेजोरिटी के बारे में
आप सब जानते है ।
जिस दिन धरना प्रदर्शन
कर देंगें ।
होटलों से लेकर पाँच
सितारा तक सब हीलाके
रख देंगें ।
हमारा केवल यह निवेदन
है कि हमें भी अन्य
जानवरों जैसा ही सम्मान
मिले ।
हम पर फब्तियाँ कसना
बंद हो ।
अन्यथा दहीं,मावे की
मिठाईयाँ ,पनीर की
सब्जीयाँ ,केशरिया दूध,
और भी सैकड़ों आयटम
सब भूल जाओ ।
फिर मिलेंगे धरना स्थल
राम लीला मैदान पर
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