पत्नी
ने पति से कहा, "कितनी देर तक समाचार पत्र पढ़ते रहोगे? यहाँ आओ और अपनी
प्यारी बेटी को खाना खिलाओ". पति ने समाचार पत्र एक तरफ़ फेका और बेटी की
ध्यान दिया,बेटी की आंखों में आँसू थे और सामने खाने की प्लेट. बेटी एक
अच्छी लड़की है और अपनी उम्र के बच्चों से ज्यादा समझदार. पति ने खाने की
प्लेट को हाथ में लिया और बेटी से बोला,"बेटी खाना क्यों नहीं खा रही हो?
आओ बेटी मैं खिलाऊँ." बेटी जिसे खाना नहीं भा
रहा था, सुबक सुबक कर रोने लगी और कहने लगी,"मैं पूरा खाना खा लूँगी पर एक
वादा करना पड़ेगा आपको." "वादा", पति ने बेटी को समझाते हुआ कहा, "इस
प्रकार कोई महँगी चीज खरीदने के लिए जिद नहीं करते." "नहीं पापा, मैं कोई
महँगी चीज के लिए जिद नहीं कर रही हूँ." फिर बेटी ने धीरे धीरे खाना खाते
हुये कहा, "मैं अपने सभी बाल कटवाना चाहती हूँ." पति और पत्नी दोनों अचंभित
रह गए और बेटी को बहुत समझाया कि लड़कियों के लिए सिर के सारे बाल कटवा कर
गंजा होना अच्छा नहीं लगता है. पर बेटी ने जवाब दिया, "पापा आपके कहने पर
मैंने सड़ा खाना, जो कि मुझे अच्छा नहीं लग रहा था, खा लिया और अब वादा
पूरा करने की आपकी बारी है."अंततः बेटी की जिद के आगे पति पत्नी को उसकी
बात माननी ही पड़ी. अगले दिन पति बेटी को स्कूल छोड़ने गया. बेटी गंजी बहुत
ही अजीब लग रही थे. स्कूल में एक महिला ने पति से कहा, "आपकी बेटी ने एक
बहुत ही बड़ा काम किया है. मेरा बेटा कैंसर से पीड़ित है और इलाज में उसके
सारे बाल खत्म हो गए हैं. वह् इस हालत में स्कूल नहीं आना चाहता था क्योंकि
स्कूल में लड़के उसे चिढ़ाते हैं. पर आपकी बेटी ने कहा कि वह् भी गंजी होकर
स्कूल आयेगी और वह् आ गई. इस कारण देखिये मेरा बेटा भी स्कूल आ गया.आप
धनया हैं कि आपके ऐसी बेटी है" पति को यह सब सुनकर रोना आ गया और उसने मन
ही मन सोचा कि आज बेटी ने सीखा दिया कि प्यार क्या होता है. इस पृथ्वी पर
खुशहाल वह् नहीं हैं जो अपनी शर्तों पर जीते हैं बल्कि खुशहाल वे हैं जो,
जिन्हें वे प्यार करते हैं, उनके लिए बदल जाते हैं!!
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