Sunday, 5 April 2020

21 दिन... 21सबक़



वास्तव में वह सत्य जो मैंने लॉकडाऊन के दौरान सीखा-

1. आज अमेरिका अग्रणी देश नहीं है, ना ही वर्ल्ड लीडर ।

2. चीन कभी विश्व कल्याण की नहीं सोच सकता,सिर्फ़ व्यापार ही सरोकार है ।

3. यूरोपीय उतने शिक्षित नहीं जितना उन्हें समझा जाता था।

4. हम अपनी छुट्टियॉ बिना यूरोप या अमेरिका गये भी आनन्द के साथ बिता सकते हैं।

5. भारतीयों की  रोग प्रतिरोधक क्षमता शेष विश्व के लोगों से बहुत ज्यादा है।

6. कोई पादरी, पुजारी, ग्रन्थी,मौलवी या ज्योतिषी एक भी रोगी से नहीं बचा सका।

7. स्वास्थ्य कर्मी,पुलिस कर्मी, प्रशासन कर्मी ही असली हीरो हैं ना कि क्रिकेटर व अभिनेता...ये सिर्फ़ मनोरंजनकर्ता हैं,जीवनदाता नहीं !

8. बिना उपभोग के विश्व में सोना-चॉदी व डीज़ल-पेट्रोल का कोई महत्व नही है ।

9. पहली बार पशुओं व परिन्दों को लगा कि यह संसार उनका भी है।

10. तारे वास्तव में टिमटिमाते हैं,यह विश्वास महानगरों  के बच्चों को पहली बार हुआ।

11.आने वाले समय में भारतीय जीवनशैली(रहन-सहन,खान-पान,योग-ध्यान) के पूरी दुनियाँ में पोपुलर होने की सम्भावना है

12. हम और हमारी सन्तान बिना 'जंक फूड' के भी जिन्दा रह सकते है।

13. एक साफ-सुथरा-श्रेष्ठ व स्वच्छ-सहज-सरल जीवन जीना कोई कठिन कार्य नहीं है।

14. भोजन पकाना केवल स्त्रियां ही नहीं जानती,मौक़ा या मजबूरी पुरुषों को भी रसोई तक ले आती है ।
१५ घर को वास्तव मैं घर बना दिया

16. भारतीय अभावों में भी बाँटकर खाने में विश्वास करते हैं ।

17.भारतीय नारी कि वजह से ही घर मंदिर बनता है।

18. पैसे की कोई वैल्यू नही है क्योंकि आज दाल-रोटी के अलावा क्या कर सकते हैं।

19. भारतीय अमीरों मे मानवता कूट-कूट कर भरी हुई है ,एक दो को छोड़कर।

20. विकट समय को सही तरीक़े से भारतीय ही संभाल सकता है।

21. सामूहिक परिवार एकल परिवार से अच्छा होता है।

   ....आपके दिमाग़ में इन दिनों अनुभव किया या महसूस किया और भी सत्य-तथ्य हो तो नीचे कमेंट करें ताकि सब महसूस कर सकें !

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