Tuesday, 4 April 2017

उपवास को बुन्देलखंडी version



पति-. का बात है आज अपने लाने रोटी नई बनायीं का..? जो रस अकेलो काये पी रईं.?

पत्नी, - आज हमाओ उपास है न..

 पति-तो कछु खाओ के उसई भूखी हो.. कछु खा लेतीं?

पत्नी- हओ तनक फलाहार कर लओ. .
  4-5 केला
   2 अनार
  3-4 सेवफल
    हलुआ , साबुदान की खिचड़ी, सिंगाड़ा की पूड़ी बस लओ है..

भुन्सारे 1 गिलास दूध और
 दो कप चाय पी लई हती..

अब जौ मुसंबी को रस पी रये..
  आज ऊपास है न, सो कछु और नईं खा सकत..

पति- तनक रबड़ी अबड़ी और ले लेतीं..

  पत्नी -हओ रात के ब्यारी के बाद रबड़ी खाबी .. खाना एकइ टेम खा सकत..

पति- भाई भोतइ कठिन उपास है तुमाओ..
कोउ को बाप नइँ कर सकत ऐसो कठिन उपास..

देखियो.. कमजोरी न आ जाये तुमें..

पत्नी-जई से तो बीच बीच में
 बदाम काजू फांक रये..

पति- फिर भी.. ख्याल रखियो अपनों.

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